Chaubis Tirthankar Aarti
करहूं आरती आज जिनेश्वर तुम्हरे द्वारे;
कर दो भव से पार लगा दो नैया किनारे।
ऋषभ अजित सम्भव जिन स्वामी;
अभिनन्दन भगवान लगा दो नैया किनारे।
सुमति पद्म सुपार्श्व जिन स्वामी;
चन्दाप्रभु भगवान लगा दो नैया किनारे।
पुष्प श्रेय शीतल जिन स्वामी;
वासुपूज्य भगवान लगा दो नैया किनारे।
विमल अनन्त धर्म जिन स्वामी;
शान्तिनाथ भगवान लगा दो नैया किनारे।
कुन्धु अरह मल्लि जिन स्वामी;
मुनिसुव्रत भगवान लगा दो नैया किनारे।
नमि नेमि पारस जिन स्वामी;
वर्धमान भगवान लगा दो नेया किनारे।
करहुं आरती आज जिनेश्वर तुम्हरे द्वारे;
कर दो भव से पार, लगा दो नैया किनारे।