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Year: 2025

Aarti Shri Vimalnath Ji

आरती करो रे, तेरहवें जिनवर विमलनाथ की आरती करो रे।। कृतवर्मा पितु राजदुलारे, जयश्यामा के प्यारे। कम्पिलपुरि में जन्म लिया है, सुर नर वंदें सारे।। आरती करो रे निर्मल त्रय ज्ञान सहित स्वामी की आरती करो रे।।1।। शुभ ज्येष्ठ वदी दशमी प्रभु की, गर्भागम तिथि मानी जाती। है जन्म और दीक्षा कल्याणक, माघ चतुर्थी सुदि […]

Pooja Vidhi Prarambh

ॐ जय! जय! जय! | नमोऽस्तु! नमोऽस्तु! नमोऽस्तु!| णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आइरियाणं | णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्वसाहूणं || ॐ ह्रीं अनादिमूलमंत्रेभ्यो नमः | पुष्पांजलि अर्पित करें चत्तारि मंगलं अरिहंता मंगलं, सिद्धा मंगलं, साहू मंगलं, केवलपण्णत्तो धम्मो मंगलं | चत्तारि लोगुत्तमा, अरिहंता लोगुत्तमा, सिद्धा लोगुत्तमा, साहू लोगुत्तमा, केवलिपण्णत्तो धम्मो लोगुत्तमो | चत्तारि सरणं […]

14 Sep
Jain Dev Shastra Guru Pooja

Jain Dev Shastra Guru Pooja

मलिन-वस्तु हर लेत सब, जल-स्वभाव मल-छीन ।जा सों पूजूं परमपद, देव-शास्त्र-गुरु तीन ॥1॥ चंदन शीतलता करे, तपत वस्तु परवीन ।जा सों पूजूं परमपद, देव-शास्त्र-गुरु तीन ॥2॥ तंदुल सालि सुगंध अति, परम अखंडित बीन ।जा सों पूजूं परमपद, देव-शास्त्र-गुरु तीन ॥3॥ विविध भाँति परिमल सुमन, भ्रमर जास आधीन ।जा सों पूजूं परमपद, देव-शास्त्र-गुरु तीन ॥4॥ नानाविधि […]

Mangal Paath

मंगल मूर्ति परम पद, पंच धरौं नित ध्यान | हरो अमंगल विश्व का, मंगलमय भगवान |१| मंगल जिनवर पद नमौं, मंगल अरिहन्त देव | मंगलकारी सिद्ध पद, सो वन्दौं स्वयमेव |२| मंगल आचारज मुनि, मंगल गुरु उवझाय | सर्व साधु मंगल करो, वन्दौं मन वच काय |३| मंगल सरस्वती मातका, मंगल जिनवर धर्म | मंगल […]

13 Sep

Aarti Ajitnath Bhagwan

जय श्री अजित प्रभु, स्वामी जय श्री अजित प्रभु । कष्ट निवारक जिनवर, तारनहार प्रभु ॥   पिता तुम्हारे जितशत्रू और, माँ विजया रानी । स्वामी माँ विजया रानी माघ शुक्ल दशमी को जन्मे, त्रिभुवन के स्वामी स्वामी जय श्री अजित प्रभु । उल्कापात देख कर प्रभु जी, धार वैराग्य लिया । स्वामी धार वैराग्य लिया गिरी […]

Alochana Path

दोहा  बंदों पाँचों परम-गुरु, चौबीसों जिनराज। करूँ शुद्ध आलोचना, शुद्धिकरन के काज ॥ सखी छंद सुनिए, जिन अरज हमारी, हम दोष किए अति भारी। तिनकी अब निवृत्ति काज, तुम सरन लही जिनराज ॥ इक बे ते चउ इंद्री वा, मनरहित सहित जे जीवा। तिनकी नहिं करुणा धारी, निरदई ह्वै घात विचारी ॥ समारंभ समारंभ आरंभ, […]

Shri Sammed Sikhar Chalisa

शाश्वत तीर्थराज का, है यह शिखर विशाल। भक्ति भाव से मैं रचूँ, चालीसा नत भाल। जिन परमेष्ठी सिद्ध का, मन मैं करके ध्यान। करुँ शिखर सम्मेद का, श्रद्धा से गुण-गान। कथा शिखर जी की सदा, सुख संतोष प्रदाय। नित्य नियम इस पाठ से, कर्म बंध कट जाये। आये तेरे द्वार पर, लेकर मन में आस। शरणागत को शरण दो, […]

Shri Bade Baba Kundalpur Chalisa

दुःख हरन मंगल करन, महावीर भगवान। तिनके चरणाविंद को बार-बार प्रणाम। श्री धर केवली मोक्ष गये, कुण्डल गिरी से आय। तिनके पद को वंदते, पाप क्लेश मिट जाय। बड़े बाबा का सुमरे नामा, पूरन होवे बिगड़े कामा। जिसने नाम जपा प्रभु तेरा, उठा वहां से कष्ट का डेरा। बड़े बाबा का जो ध्यान लगावें, रोग […]

Aarti Shri Padam Prabhu Ji

जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा ।  जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा ।  तुम बिन कौन जगत में मेरा २, पार करों देवा २  जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा ॥  तुम हो अगम अगोचर स्वामी हम हैं अज्ञानी २।  अपरम्पार तुम्हारी महिमा, काहू ना जानी २ ॥  तुम बिन कौन […]

Shri Navkar Mahamantra Ki Aarti

जय ‘अरिहंताण’, स्वामी जय अरिहंताण।भाव-भक्ति से नित्य-प्रति, प्रणमूं ‘सिद्धाण’ ॥ ॐ जय अरिहंताण ॥ दर्शन-ज्ञान-अनन्ता, शक्ति के धारी | स्वामी।यथाख्यात समकित है, कर्म-शत्रु हारी || ॐ || हे सर्वज्ञ !सर्वदर्शी ! बल, सुख अनन्त पाये ।स्वामी।अगुरुलघु अमूरत, अव्यय कहलाये ।।ॐ।। ‘नमो आयरियाण’, छत्तीस गुण पालक ।स्वामी।जैनधर्म के नेता, संघ के संचालक || ॐ।। ‘नमो उवज्झायाणं’ […]