अतिशय अपरम्पार है, महिमा का ना पार है |
आदिनाथ भगवान की आरती बारम्बार है ||
अतिशय अपरम्पार है..
पहली आरती गर्भोत्सव की, धनी-धन्य अवतारी की |
सोलह सपने दिखाकर माँ को स्वर्ग छोड़ यहाँ आने की ||
अतिशय अपरम्पार है..
दूसरी आरती जन्मोत्सव की, अंतिम इस जन्मोत्सव की |
पांडुशिला पर हुआ अभिषेक, छीरोदधि जल लेकर ही ||
अतिशय अपरम्पार है..
तीसरी आरती दीक्षा लेने की, प्रयोग वन को जाने की |
एक वर्ष उपवास सहे हैं, घोर तपस्याधारी की ||
अतिशय अपरम्पार है..
चौथी आरती घाति कर्मनाश की, केवलज्ञान को पाने की |
भव्यों को सन्मार्ग दिखाने, समवशरण अधिकारी की ||
अतिशय अपरम्पार है..
पांचवीं आरती आत्म ध्यान कर, सकल कर्म क्षयकारी की |
सिद्धालय में जाकर बैठे, उत्तम सुख के धारी की ||
अतिशय अपरम्पार है, महिमा का ना पार है |
आदिनाथ भगवान की आरती बारम्बार है ||