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Category: Aarti

Shri Pushpdant Bhagwan Ki Aarti

ॐ जय पुष्पदन्त स्वामी, प्रभु जय पुष्पदन्त स्वामी। काकन्दी में जन्में, त्रिभुवन में नामी।। ॐ जय जय पुष्पदन्त स्वामी, प्रभु जय पुष्पदन्त स्वामी फाल्गुन कृष्णा नवमी, गर्भकल्याण हुआ। स्वामी…… जयरामा सुग्रीव मात-पितु, हर्ष महान हुआ।। ॐ जय जय पुष्पदन्त स्वामी, प्रभु जय पुष्पदन्त स्वामी मगशिर शुक्ला एकम, जन्मकल्याणक है।स्वामी….. तपकल्याणक से भी, यह तिथि पावन […]

Shree Vasupujya Swami Ki Aarti

ॐ जय वासुपूज्य स्वामी, प्रभु जय वासुपूज्य स्वामी। पंचकल्याणक अधिपति स्वामी, तुम अन्तर्यामी ।। ॐ जय वासुपूज्य स्वामी० चंपापुर नगरी भी स्वामी, धन्य हुई तुमसे। जयरामा वसुपूज्य तुम्हारे स्वामी, मात पिता हरषे ।। ॐ जय वासुपूज्य स्वामी० बालब्रह्मचारी बन स्वामी, महाव्रत को धारा। प्रथम बालयति जग ने स्वामी, तुमको स्वीकारा ।। ॐ जय वासुपूज्य स्वामी० गर्भ जन्म तप […]

Aarti Shri Vimalnath Ji

आरती करो रे, तेरहवें जिनवर विमलनाथ की आरती करो रे।। कृतवर्मा पितु राजदुलारे, जयश्यामा के प्यारे। कम्पिलपुरि में जन्म लिया है, सुर नर वंदें सारे।। आरती करो रे निर्मल त्रय ज्ञान सहित स्वामी की आरती करो रे।।1।। शुभ ज्येष्ठ वदी दशमी प्रभु की, गर्भागम तिथि मानी जाती। है जन्म और दीक्षा कल्याणक, माघ चतुर्थी सुदि […]

13 Sep

Aarti Ajitnath Bhagwan

जय श्री अजित प्रभु, स्वामी जय श्री अजित प्रभु । कष्ट निवारक जिनवर, तारनहार प्रभु ॥   पिता तुम्हारे जितशत्रू और, माँ विजया रानी । स्वामी माँ विजया रानी माघ शुक्ल दशमी को जन्मे, त्रिभुवन के स्वामी स्वामी जय श्री अजित प्रभु । उल्कापात देख कर प्रभु जी, धार वैराग्य लिया । स्वामी धार वैराग्य लिया गिरी […]

Aarti Shri Padam Prabhu Ji

जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा ।  जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा ।  तुम बिन कौन जगत में मेरा २, पार करों देवा २  जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा ॥  तुम हो अगम अगोचर स्वामी हम हैं अज्ञानी २।  अपरम्पार तुम्हारी महिमा, काहू ना जानी २ ॥  तुम बिन कौन […]

Shri Navkar Mahamantra Ki Aarti

जय ‘अरिहंताण’, स्वामी जय अरिहंताण।भाव-भक्ति से नित्य-प्रति, प्रणमूं ‘सिद्धाण’ ॥ ॐ जय अरिहंताण ॥ दर्शन-ज्ञान-अनन्ता, शक्ति के धारी | स्वामी।यथाख्यात समकित है, कर्म-शत्रु हारी || ॐ || हे सर्वज्ञ !सर्वदर्शी ! बल, सुख अनन्त पाये ।स्वामी।अगुरुलघु अमूरत, अव्यय कहलाये ।।ॐ।। ‘नमो आयरियाण’, छत्तीस गुण पालक ।स्वामी।जैनधर्म के नेता, संघ के संचालक || ॐ।। ‘नमो उवज्झायाणं’ […]

Chaubis Tirthankar Aarti 

करहूं आरती आज जिनेश्वर तुम्हरे द्वारे;कर दो भव से पार लगा दो नैया किनारे। ऋषभ अजित सम्भव जिन स्वामी;अभिनन्दन भगवान लगा दो नैया किनारे। सुमति पद्म सुपार्श्व जिन स्वामी;चन्दाप्रभु भगवान लगा दो नैया किनारे। पुष्प श्रेय शीतल जिन स्वामी;वासुपूज्य भगवान लगा दो नैया किनारे। विमल अनन्त धर्म जिन स्वामी;शान्तिनाथ भगवान लगा दो नैया किनारे। कुन्धु […]

Panch Parmeshthi Aarti

इह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परमपद भज सुख लीजे।इह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परमपद भज सुख लीजे।। पहली आरती श्री जिनराजा, भव-दधि पार उतार जहाजा।इह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परमपद भज सुख लीजे।। दूसरी आरती सिद्धन केरी, सुमिरन करत मिटै भव फेरी।इह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परमपद भज सुख लीजे।। तीजी […]

Shri Adinath Bhagwan Aarti

अतिशय अपरम्पार है, महिमा का ना पार है | आदिनाथ भगवान की आरती बारम्बार है || अतिशय अपरम्पार है.. पहली आरती गर्भोत्सव की, धनी-धन्य अवतारी की | सोलह सपने दिखाकर माँ को स्वर्ग छोड़ यहाँ आने की || अतिशय अपरम्पार है.. दूसरी आरती जन्मोत्सव की, अंतिम इस जन्मोत्सव की | पांडुशिला पर हुआ अभिषेक, छीरोदधि […]