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Archives: Gyan

18 Sep

Why Are There Only 24 Tirthankars in Jainism?

समय का चक्र / The Cycle of Time जैन दर्शन कहता है कि समय अनंत है और यह हमेशा घूमता रहता है। समय दो हिस्सों में बँटा है – अवसर्पिणी (दुख की ओर बढ़ता चक्र) और उत्सर्पिणी (सुख की ओर बढ़ता चक्र)। हर आधे चक्र में ठीक 24 तीर्थंकर जन्म लेते हैं। यह कोई संयोग […]

13 Sep

Panch Parmesthi: The Most Revered in Jainism

जैन धर्म में पंच परमेष्ठी को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। परमेष्ठी का अर्थ है – “परम पूज्य” अर्थात जिनकी पूजा से आत्मा शुद्ध होती है और जिनके चरणों में समर्पण से मोक्ष मार्ग सुलभ होता है। पंच परमेष्ठी कौन हैं? अरिहंत (Arihant)  : अरिहंत वे होते हैं जिन्होंने चारों घातिया कर्मों का नाश कर […]